सोमवार, 13 अप्रैल 2015

मालाणी के वीर लेफ़्टिनेंट जनरलहनुतसिंहजी जसाेल

समस्त भारतवर्ष और राजपूताने के लिए अपूर्णीय क्षति------- राजपूताने के गौरव बाड़मेर व मालाणी के वीर लेफ़्टिनेंट जनरल
हनुतसिंहजी जसाेल जी का निधन हो गया है---------


सन् 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में महावीर चक्र विजेता जिन्हाेने अद्वितीय रणनीती से पाकिस्तान के 48 से अधिक टेंकाे काे नेस्तानाबूद कर दिया था।इस युद्ध के कारण ही भारतीय सेना लाहौर को घेरने में सफल हुई थी जिससे 1971 की लड़ाई में भारत पाकिस्तान के शकरगढ़ क्षेत्र में विजयी हुआ था।
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जीवन परिचय-----
हणूत सिंह राठौड़ जसोल रावल मल्लिनाथ वंशज थे,उनका वंश राठौड़ो के वरिष्ठ शाखा महेचा राठौड़ है,उनके पिता lt .col अर्जुन सिंह जी थे,इनका जन्म 6  जुलाई 1933 को हुआ था,ये जीवन भर अविवाहित रहे और सती माता रूपकंवर बाला गांव के परम भक्तों में थे,इन्हे 28 दिसंबर 1952 को भारतीय सेना में कमीशन प्राप्त हुआ था,आज़ाद भारत के 12 महानतम जनरलाें में शामिल और भारतीय फाैज में जनरल हनुत के नाम से famousजनरल साब अभी देहरादून में रह रहे थे।पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंतसिंहजी के सगे चचेरे भाई जनरल हनुत आध्यात्मिक साधना में लीन रहते थे।
सन् 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में इन्हे असाधारण वीरता के लिए महावीर चक्र प्रदान किया गया था,वे FLAG HISTORY OF ARMOURED CORP के अधिकृत लेखक थे.
इन्हे परम विशिस्ट सेवा मेडल PVSM भी दिया गया था,
31 जुलाई 1991 में वे रिटायर हो गए.
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1971 का भारत पाकिस्तान युद्ध-------
लेफिनेंट कर्नल(तत्कालीन) हणूत सिंह राठौड़ ने इस युद्ध में 47 इन्फेंट्री ब्रिगेड को कमांड किया था,इस युद्ध में जिन क्षेत्रों में सबसे घमासान युद्ध हुआ था उनमे शकरगढ़ भी एक था.
लेफिनेंट कर्नल(तत्कालीन) हणूत सिंह की 47 इन्फेंट्री ब्रिगेड को शकरगढ़ सेक्टर में बसन्तर नदी के पास तैनात किया गया था,पाकिस्तान ने इस नदी में बहुत सी लैंड माइंस लगा रखी थी,
16 दिसंबर 1971 के दिन हणूत सिंह की कमांड में सेना ने नदी को सफलता पूर्वक पार किया,पाकिस्तान ने दो दिन लगातार टैंको से हमले किये,
लेफिनेंट कर्नल(तत्कालीन) हणूत सिंह ने अपनी सुरक्षा की परवाह किये बिना एक खतरनाक सेक्टर से दूसरे खतरनाक सेक्टर में जाकर सेना का नेतृत्व और मार्गदर्शन किया।
इस युद्ध में इनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 48 टैंक ध्वस्त कर दिए,और पाकिस्तान का आक्रमण विफल कर दिया।
उन्होंने आश्चर्यजनक वीरता, नेतृत्व और कर्तव्यपरायणता का परिचय दिया और इस विजय के फलस्वरूप हणूत सिंह को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया.……
पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह ने अपनी पुस्तक LEADERSHIP IN THE INDIAN ARMY
में हणूत सिंह जी के बारे में लिखा है कि.……
"Hanut will be remembered as one of the finest armour commanders of the indian army.His simplicity,courage,boldness,high sense of moral values and professionalism will always be a source of inspiration for generations of officers to come"
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आज दिनांक 11 अप्रैल को वीर सेनानायक लेफ्टिनेंट जनरल हणूत सिंह राठौड़(जसोल) जी का निधन हो गया,
दिवंगत आत्मा को शत शत नमन----
जय हिन्द,जय राजपूताना,जय क्षात्र धर्म
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सोर्स-----
1 -श्री राजेन्द्र सिंह जी राठौड़ बीदासर कृत राजपूतो की गौरव गाथा पृष्ठ संख्या 313 -316
2-जनरल वी के सिंह कृत  "LEADERSHIP IN THE INDIAN ARMY"-sage publications new delhi.
पोस्ट सौजन्य से----राजपूताना सोच और क्षत्रिय इतिहास

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