जब अकबर ने चितौड़ पर कब्जा कर लिया था और राणा प्रताप को किला छोड जंगल में रहना पडा था तब राणा ने अकबर को सबक सिखाने के लिए एक योजना बनाई तब एक रात राणा और एक भील और कुछ साथियों के साथ मिलकर किले पर गए लेकिन अकबर ने अपनी सुरक्षा के लिए किले के चारों तरफ खाई खुदवाई हुई थी और खाई में दो भुखे शेरों को छोड दिया था उस समय भील ने राणा जी से निवेदन किया कि वे उस के शरीर को चार हिस्सों में काटे दो हिस्सों जाते समय शेरों को दे व दो हिस्सों आते समय तब राणा को भील पर बहुतगर्व महसूस हुआ और राणा ने भील के चार हिस्सों किए शेरों को दिए और किले में दाखिल हुए उस समय अकबर सो रहे थे राणा ने सोते अकबर पर वार ना कर सबक सिखाने के लिए अकबर कि दाहिने साईड की मुछं और कलमे कट ली क्यो की अकबर सुबह उठते ही अपनी दाहिने मुछं व कलमो पर हाथ लगाता था ... जब अकबर सुबह उठा तो उसने अपनी दाहिने मुछं कलमो हाथ लगाया वो कटी हुई थी और सामने दिवार पर लिखा था कि " सोते पर राणा वार नहीं करता में यहाँ तक आ सकता हूँ तो सोच लो क्या कर सकता था " फिर क्या अकबर चितौड़ दिल्ली रवाना हो गए .......!!
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